-: Class (कक्षा) 6 (हिंदी) :-
Chapter (पाठ-1) :- अभियान गीत
:- पाठ से
प्रश्न 1. अभियान गीत से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर-अभियान गीत से तात्पर्य हाथ में राष्ट्रध्वज लेकर कदम से कदम मिलाकर परेड के रूप में चलते हुए राष्ट्र गीत गाने से है। बालक प्रतिज्ञा करते हैं कि स्वतन्त्र भारत के वीर बालक अपनी मातृभूमि के प्रति अपना प्रेम, समर्पण एवं कर्त्तव्य का पालन करते हुए मरते दम तक अपने राष्ट्र के सम्मान एवं उसके गौरव की रक्षा करेंगे।
प्रश्न 2. बालक भारत की मिट्टी की महिमा का गान क्यों कर रहा है?
उत्तर– (बालक ने भारत माँ की मिट्टी में जन्म लिया है) जिसकी
आन-बान-शान की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों की आहुति देकर इसकी रक्षा की है। भारत की मिट्टी पवित्र है। यह हमारी – जन्म-भूमि है। इसलिए बालक भारत माँ की मिट्टी की महिमा का गान कर रहा है।
प्रश्न 3. सैनिक देश के लिए क्या प्रतिज्ञा करते हैं?
उत्तर– सैनिक देश के प्रति प्रतिज्ञा करता है कि हम मरते दम तक देश के सम्मान की रक्षा करेंगे) और समय आने पर बलिदान के लिए सबसे आगे हम रहेंगे। हम अपने देश की आन-बान शान पर कभी आँच नहीं आने देंगे।
प्रश्न 4. अनेकता में एकता यह भारत की विशेषता है? इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- भारत में अनेक जाति, अनेक धर्म, अनेक भाषाएँ, विभिन्न
सम्प्रदाय एवं अलग-अलग वेश-भूषाओं वाले लोग रहते हैं इतनी
भिन्नताओं के बावजूद भी हम सब मिलजुलकर रहते हैं। इन सभी भिन्नताओं के पहले हम सब भारतीय हैं, भारतवासी हैं। भाई-भाई हैं।
प्रश्न 5. भारत माता के बेटे सीना तानकर चलने की बात क्यों करते है ?
उत्तर– कवि कहते हैं कि हम भारत माँ के बेटे हैं। इस बात का हमें गर्व है। इसलिए हम सीना तान के चलते हैं।
प्रश्न 6. कवि अभियान गीत के माध्यम से भारत माता का कौन-सा कर्ज चुकाने की बात करते हैं?
उत्तर– कवि अभियान गीत के माध्यम से भारत माता का इन रजकर्णी (धूल के कणों) के अहसानों का कर्ज चुकाने की बात करते है !
प्रश्न 7. मातृभूमि की रक्षा के लिए सैनिक क्या-क्या करते हैं ?
उत्तर– सैनिक अपना तन-मन-धन सब कुछ निःस्वार्थ भाव से अपने देश की रक्षा के लिए समर्पित करते हैं।
प्रश्न 8. सैनिक खुद मिटकर देश के किन निशानों को बचाना चाहते है?
उत्तर– सैनिक खुद मिटकर देश के सम्मान चिह्न (निशान) ध्वज (तिरंगा) को बचाना चाहते हैं।
प्रश्न 9. कवि सैनिकों की वीरगाथा को गाँव, नगर, घर तक क्यों पहुँचाना चाहता है?
उत्तर– कवि सैनिकों की वीरगाथा को गाँव, नगर, घर तक इसलिए पहुँचाना चाहता है ताकि सैनिकों की गौरव गाथाएँ पूरे भारत तक पहुँचे।
प्रश्न 10. बालक भारत की मिट्टी की महिमा का गान किस तरह कर रहा है? अपनी भाषा में लिखिए।
उत्तर– बालक भारत की मिट्टी की महिमा का गान इस तरह से कर रहे हैं। जिस मिट्टी में हमने जन्म लिया, जिस मिट्टी में खेल-कूदकर हम बड़े हुए हैं, जिसके प्रत्येक धूल कण को ममता और समानता के साथ अपनाए हुए हैं। इनके रजकणों (धूल के कणों) के अहसानों का कर्ज हमें चुकाना है। बालक भारत की मिट्टी की महिमा का गान इस तरह से कर रहा है।
प्रश्न 11. निम्नलिखित पद्यांशों के भावार्थ प्रसंग-सन्दर्भ सहित लिखिए –
(क) कर्ज चुकाने हैं हमको ”””””””””””””””””’ ‘चलते सीना तान के ।
सन्दर्भ- प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक भारती के पाठ ‘अभियान ‘गीत’ से लिया गया है। इसके रचयिता डॉ. हरिवंशराय बच्चन जी हैं।
प्रसंग – प्रस्तुत पद्य में भारत माँ के बेटे भारत माँ के एहसान के ऋण चुकाने का संकल्प करते हैं।
व्याख्या- कवि कहते हैं कि वीर बालक अपने जन्मभूमि भारत माँ के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हुए कहते हैं, हमको मातृभूमि के रजकणों के एहसान का कर्ज चुकाना है। हम भारत माँ के बेटे हैं। इस बात का हमें गर्व है, इसलिए हम सम्मान के साथ सीना तान के चलते हैं।
(ख) हम गिर जाएँ-””””””””””””””””””” ना मिटने देंगे हिंदुस्तान को ।
सन्दर्भ एवं प्रसंग– पूर्ववत् ।
व्याख्या-कवि कहते हैं कि देश के वीर बालक ये संकल्प लेते हैं कि हम भले ही मर जायें, मिट जायें, किन्तु देश के सम्मान को आंच आने नहीं देंगे। हमारे सम्मान का प्रतीक हम अपने तिरंगा ध्वज को हम कभी झुकने नहीं देंगे। हम अपने प्राणों की आहुति देकर हिन्दुस्तान की रक्षा करेंगे।
:- पाठ से आगे
प्रश्न 1. भारत की सुरक्षा के लिए सैनिक सदैव तत्पर रहते है। अगर आपको देश के लिए कुछ करने का अवसर मिल जाये तो आप कौन-सा काम करना चाहेंगे ?
उत्तर- भारत की सुरक्षा के लिए सैनिक सदैव तत्पर रहते है। अगर हमको देश के लिए कुछ करने का अवसर मिल जाये तो देश की बॉर्डर पर काम करना चाहेंगे ताकि कोई भी दुश्मन बॉर्डर पार कर हमारे देश में प्रवेश न कर सके बॉर्डर (सीमा पार करने के पहले उसे वही पर ढेर कर दे ।
प्रश्न 2. किसी सैनिक या फौजी को देखकर आपके मन में उनके परिवार वालों के प्रति कौन-से भाव आते हैं? उन भावों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर– किसी सैनिक या फौजी को देखकर हमारे मन में उन परिवार वालों के प्रति सम्मान के भाव आते है। क्योंकि उनके सपूत हमारी व हमारे देश की सुरक्षा के लिए 24 घण्टे अपने प्राणों की परवाह किए बिना देश की सुरक्षा के प्रति सजग रहते हैं, इस कारण उनक परिवार वालों के प्रति सम्मान के भाव हमारे मन में जावत होते हैं।
प्रश्न 3. अपने देश के प्रति हम सभी के कई कर्त्तव्य हैं। वैसे ही अपने विद्यालय के प्रति भी हमारे कर्त्तव्य हैं। कोई चार कर्त्तव्य जो आप अपने विद्यालय के प्रति निष्ठपूर्वक करना चाहते हैं। उन्हें लिखिए।
उत्तर- विद्यालय के प्रति हमारा कर्त्तव्य निम्नलिखित हैं जिन्हें हम निष्ठापूर्वक करना चाहते हैं- (1) अपने विद्यालय को स्वच्छ और सुन्दर रखें, (2) विद्यालय में अनुशासन बनाए रखें, (3) विद्यालय के नियमों का पालन करें, (4) विद्यालय के सभी शिक्षकों का आदर व सम्मान करें शिकायत का मौका कभी न दें।
प्रश्न 4. देश की रक्षा करने वाले फौजी वर्दी पहनते हैं। वर्दी पहनने के क्या कारण हो सकते हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर-देश की रक्षा करने वाले फौजी वर्दी पहनते हैं वर्दी पहनने के प्रमुख कारण ये हैं भारत में विभिन्न धर्म सम्प्रदाय के लोग रहते हैं – जब वे वर्दी पहनते हैं तो वे ये नहीं कहते कि हम हिन्दू हैं, मुस्लिम या सिख। सभी का वर्दी एक समान अधिकार होता है। सैनिक के वेश में हम सबसे पहले हिन्दुस्तानी हैं। वर्दी पहनने से देश सेवा की भावना हमारे मन में जाग्रत होती है, यह कारण है वर्दी पहनने का।
प्रश्न 5. राष्ट्र के प्रति नागरिकों के क्या-क्या कर्त्तव्य हैं उन्हें लिखिए ।
उत्तर-राष्ट्र के प्रति नागरिकों के निम्नलिखित कर्त्तव्य है- 1. राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य है राष्ट्र की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहें ।
- हमारा कर्तव्य है कि हम अपने देश के गौरव की रक्षा करें।
- जब भी राष्ट्रगान या राष्ट्रगान की धुन हमें सुनाई दे तब सम्मानपूर्वक वहीं खड़े होकर राष्ट्रगान का सम्मान करें।
Chapter (पाठ-2) :- एक टोकरी भर मिट्टी
:- पाठ से
प्रश्न 1. जमींदार विधवा की झोंपड़ी क्यों हथियाना चाहता था?
उत्तर- जमींदार विधवा की झोंपड़ी इसलिए हथियाना चाहता क्योंकि वह उसके महल के नजदीक थी। वह उस स्थान पर महल बनाना चाहता था, क्योंकि झोंपड़ी के कारण उसके महल के सौन्दर्य मे कमी आती थी ।
प्रश्न 2. जमींदार ने विधवा की झोंपड़ी हथियाने के लिए कौन-सी चाल चली?
उत्तर– जमींदार ने अपने सभी प्रयत्न निष्फल होते देखकर अदालत के माध्यम से झोंपड़ी हथियाने की चाल चली, उसने जमींदारों वाली चल चली थी।
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